नई दिल्ली
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को पुडुचेरी पहुंचने वाले हैं, लेकिन उससे पहले ही वी नाराणस्वामी की अगुवाई वाली कांग्रेस-डीएमके सरकार ने विधानसभा में बहुमत खो दिया है। कांग्रेस के एक और विधायक ए जॉन कुमार ने एमएलए पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद पुडुचेरी में सत्ताधारी कांग्रेस-डीएमके गठबंधन और विपक्ष के विधायकों की संख्या बराबर हो गई है। जॉन कुमार ने अपना इस्तीफा विधानसभा के स्पीकर वीपी शिवाकोलांधु को उनके आवास पर जाकर सौंपा है।

हाल के दिनों में इस्तीफे का सिलसिला कैबिनेट मंत्री ए नामाशिवयम से शुरू हुआ, जिनका कद मुख्यमंत्री के बाद दूसरा माना जाता था और उनके साथ ही कांग्रेस विधायक थीप्पाइंथन ने भी विधायकी छोड़ दी थी। सोमवार शाम को स्वास्थ्य मंत्री मल्लाडी कृष्णा राव ने भी ट्विटर के जरिए एमएलए से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। उन्होंने विधानसभा स्पीकर को विधानसभा से इस्तीफे की भेजी चिट्ठी भी पोस्ट की थी। हालांकि, स्पीकर की ओर से राव के इस्तीफे पर कुछ नहीं कहा गया है। सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों की संख्या बराबर हुई लगातार चार इस्तीफों के बाद विधानसभा में विधायकों की संख्या 33 से घटकर 28 रह गई है। इन इस्तीफों के बाद विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या घटकर महज 10 रह गई है। इसमें डीएमके के 3 और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन को जोड़ दें तो नारायणस्वामी सरकार के पास सिर्फ 14 विधायकों का समर्थन रह गया है, जो 28 विधायकों में बहुमत से कम है। 

जबकि, मुख्य विपक्षी पार्टी ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस के पास 7 और इसकी सहयोगियों एआईएडीएमके के 4 और 3 मनोनीत विधायक(बीजेपी से जुड़े हैं) हैं। यानि विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच टाई हो चुका है। ऐसी भी खबरें हैं कि कुछ और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं। इस्तीफे के बाद पूर्व कांग्रेस विधायक ए नामाशिवयम और थीप्पाइंथन पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं। राजनीतिक सूत्रों की मानें तो जल्द ही ए जॉन कुमार भी भगवा दल में जा सकते हैं। बदली स्थिति में बीजेपी और एआईएडीएमके ने सत्ताधारी गठबंधन से विधानसभा में बहुमत साबित करने की मांग की है।

Source : Agency